अजब गजब: खुद बाइक दिलाकर खुद ही पिता ने बाइक में लगाई आग, वजह पूछी तो बताया....

  • बच्चे को पहले दिलाई बाइक जिससे स्कूल आराम से जाए
  • बेटे को दिलाई हुई बाइक पर खुद ही लगाई आग
  • लोगों ने दी प्रतिक्रिया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-05 10:41 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मम्मी पापा अपने बच्चों की हर ख्वाहिश पूरी करना चाहते हैं। अगर बच्चे ने कुछ मांगा है तो वो कोशिश करते हैं कि वो चीज अपने बच्चे को दिलाएं। लेकिन अगर बच्चे चीजों का गलत इस्तेमाल करने लगें तो उनको समझाने के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं। ऐसा ही एक मामला मलेशिया मसे सामने आया है। जिसमें एक पिता ने अपने बेटे के लिए बहुत मन से बाइक ली थी लेकिन उसके बाद खुद ही बीच रोड पर गाड़ी जला दी। साथ ही जलती हुई बाइक का वीडियो भी बनाया। जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लेकिन सबको बहुत हैरानी है कि ऐसी क्या बात हो गई जो पिता ने अपने बेटे की गाड़ी ही जला डाली।

क्या है मामला?

लोकल मीडिया आउटलेट के मुताबिक, शाह आलम नाम के आदमी ने अपने बेटे के लिए खुद बाइक खरीदी थी। जिससे उसका बेटा आराम से स्कूल जा पाए। लेकिन जब उसका बेटा बाइक का गलत इस्तेमाल करने लगा और खतरे की संभावना बढ़ने लगी तो पिता ने उसको रोकने के लिए एक कठोर कदम उठाया। जिसकी बेटे को कल्पना भी नहीं होगी। उस आदमी ने गाड़ी में आग लगाकर उसको जला डाला। साथ ही उसका वीडियो भी बनाया। जिस पर सोशल मीडिया के यूजर्स तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं।

शख्स ने अपने वीडियो में क्या बताया?

उस आदमी ने अपने वीडियो में बताया कि उसके बेटे को गाड़ी चलाने की गंदी आदत लग चुकी थी। साथ ही वो खतरनाक रेसों में भी हिस्सा लेता था। घर भी बहुत देर-देर से आता था। जिस वजह से वो आदमी डरा रहता था। शाह आलम ने बताया, "कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माना। ऐसे में मैंने फैसला किया है कि एक्सीडेंट में बेटे की जान जाए इससे बढ़िया है मैं बाइक ही खत्म कर दूं।"

लोगों ने दी प्रतिक्रिया

इस घटना पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी है। जिसमें अधिकांश लोगों ने ये पूछा है कि शाह आलम के कदम की आलोचना की और कहा कि किसी भी समस्या को हल करने के लिए कई और तरीके भी होते हैं। गुस्से में उठाया गया कदम सही नहीं होता। बाइक को जलाने का तरीका बच्चे के मन पर गलत असर डालता है। तो बेहतर है कि बातचीत करके इस मामले को हल करना चाहिए था। वहीं कुछ और लोगों ने कहा कि, कभी-कभी कठोर फैसले भी लेने पड़ते हैं। बाइक बच्चे से बढ़कर नहीं है। 

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